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कविता

    गीत       मेरा-तेरा मेळ मिलै ना,    मेरा-तेरा मेळ मिलै ना, क्यांनु सपने पाळे सै, मैं सैकल पै चाल्लुं, तेरी लैंड क्रुजर चाल्लै सै।    चुल्ले के म्हं टिम्मी ला, अम सुक्के टिकड़ घड़रे सै, तू मल्लां म्हं रहया करै, मेरै कच्चे कोठे पड़रे सै, गल नोलखे आर तेरे, अमनै फटे जग्गे गाल्लै सै,  मैं सैकल पै चाल्लुं, तेरी लैंड क्रुजर चाल्लै सै।    सामण के रमजोल्ले, तेरा मन भटकै, चार दिना की झड़ी, म्हारी छत टपकै, अंबर आली पिंगां, कित झुल्ले गाल्लैं सै, मैं सैकल पै चाल्लुं, तेरी लैंड क्रुजर चाल्लै सै।   मेनत करणा कर्म मेरा, मैं सूं रांझा पाली, मेरी गेल्लां टैल करै, तो बण मेरी घरआली, नफे सिंह गंगनपुर आला, इबकै तरे हवाल्लै सै, मैं सैकल पै चाल्लुं, तेरी लैंड क्रुजर चाल्लै सै।                        **** नाम- नफे सिंह कादयान, गंगनपुर, जिला-अम्बाला, डाकघर- बराड़ा-133201 (हरि.) mob.9991809577